Purani Pension News 2024 | पुरानी पेंशन का इंतजार खत्म…! कर्मचारियो को मिलेंगे पेंशन के हर माह ₹30000 रूपए, देखें देखें लिस्ट में नाम |
Purani Pension News 2024 : पुरानी पेंशन का इंतजार खत्म…! कर्मचारियो को मिलेंगे पेंशन के हर माह ₹30000 रूपए, देखें देखें लिस्ट में नाम |
Purani Pension News 2024 : सरकार ने कई योजनाओं में बड़े बदलाव किए हैं, जिनमें पेंशन योजना में भी बदलाव किए गए हैं। इन दिनों ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम को लेकर काफी हंगामा देखने को मिल रहा है। पेंशन पाने के हकदार लोग ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम को लेकर ज्यादा चर्चा कर रहे हैं।
इन कर्मचारियो को मिलेंगे पेंशन का लाभ
हालांकि, इस बीच दोनों पेंशन स्कीम के बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है। ऐसे में आज हम आपको ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम पर अपडेट देने जा रहे हैं और आपको बताएंगे कि ये पेंशन स्कीम एक-दूसरे से किस तरह अलग हैं।
पेंशन स्कीम क्या है?
न्यू पेंशन स्कीम की शुरुआत भारत सरकार ने साल 2004 में की थी. न्यू पेंशन स्कीम के तहत केंद्र और राज्य कर्मचारियों को निवेश करने की छूट दी गई थी. एनपीएस के तहत जब भी कोई कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे एकमुश्त पेंशन राशि का एक हिस्सा निकालने की भी छूट दी जाती है.
कर्मचारी बची हुई राशि से एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं. अगर आपको नहीं पता तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एन्युटी एक तरह का इंश्योरेंस प्रोडक्ट है जिसमें निवेश करना होता है. सभी रिटायर्ड कर्मचारियों को मृत्यु से पहले नियमित आय प्रदान की जाती है और मृत्यु के बाद सारा पैसा नॉमिनी को दे दिया जाता है.
पुरानी पेंशन कब बंद की गई?
देश की पुरानी पेंशन योजना 2004 में बंद कर दी गई थी, यानी 2004 से पहले के सभी केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन मिलेगी, लेकिन 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को यहां पेंशन नहीं दी जाएगी। पुरानी पेंशन योजना के बारे में तो आप जानते ही होंगे। इसमें क्या अपडेट हैं?
इन राज्यों में भी जारी है OPS की मांग
- बिहार
- दिल्ली
- हरियाणा आदि
अब तक किन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू हुई है?
- राजस्थान
- हिमाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- पंजाब
- झारखंड
पुरानी पेंशन योजना वास्तव में क्या है?
- सरकारी संगठनों से सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को उत्पादक जीवन जीने के लिए पेंशन दी जाती है।
- पुरानी पेंशन योजना के तहत 2004 तक सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी के वेतन का 50 प्रतिशत यानी आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती थी।
- यह राशि कर्मचारी की मृत्यु के बाद ही पति-पत्नी को दी जाती थी।
- यह योजना 2005 में ही बंद कर दी गई थी।